Delhi Liquor Scam Exposed: दिल्ली शराब घोटाला हुआ बेनकाब, जानिए क्यों सीएम अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और संजय सिंह हैं जेल की सलखो के पीछे !

 

Delhi Liquor Scam Exposed


दिल्ली में पुरानी शराब की पॉलिसी चल रही थी, तो इस पुरानी शराब की निति में 864 शराब की दुकान होती थी। जिसमे 474 सरकारी दुकान होती थी और 384 प्राइवेट दुकान होती थी। लेकिन यह जो पुरानी शराब की निति चल रही थी, इसकी वजह से दिल्ली सरकार को काफी नुकसान हो रहा था।


तो आईए जानते इस पुरानी नीति में क्या दिकत थीं 

भारत में शराब के ऊपर Vat lagta hai GST नही लगता, तो पुरानी शराब कि नीति में यह था की एक शराब की बोतल बिकती है, तो उसमे दिल्ली सरकार 25% Vat लेती है, मतलब की 200 रुपए की बोतल बिकती हैं तो इसमें सरकार की जेब में 25 रुपए जायेंगे। लेकिन इसमें दुकानदार क्या करते थे की अगर 2000 बोतल की सेल हुई है तो उसमे 400 या 500 की ही सेल दुकानदार सरकार को दिखती थी, इससे सरकार बहुत घाटा हो रहा था।

तो 4th Sep 2020 को Kejriwal सरकार expert committee बनाती हैं जिसको excise commissioner of delhi ' Arava Gopi Krishna' हेड कर रहे थे, और kejriwal सरकार इस कमेटी को बोलती है की शराब की नीति को लेके जो दिकत हैं इसको सही करने के लिए आप रिपोर्ट त्यार कीजिए। 

लगभग 1 महीने बाद 13 oct 2020 को कमेटी एक रिपोर्ट त्यार करती है और 5 Feb 2021 को दिल्ली सरकार, दिल्ली कैबिनेट में इस पॉलिसी को सही करके एक रिपोर्ट त्यार करती हैं, दिल्ली के Deputy CM Manish Sisodiya जो की एक्साइज डिपार्टमेंट देखते थे, इनकी अहम भूमिका होती है इस नीति को लेकर।

तो क्या थी नई शराब निति 

तो केजरीवाल सरकार नई शराब निति में सबसे पहले यह किया की सरकार अब शराब के ठेके नहीं चलाएगी, और सारे ठेके जो है अब प्राइवेट विक्रेता के पास जायेंगे।

दूसरी चीज सरकार ने यह किया जो लाइसेंस 7 लाख आता था, वो अब 5 crore मिलेगा। केजरीवाल सरकार ने यह भी कहा कि जो भी लाइसेंस मिलेंगे वो अब लॉटरी से नहीं बल्की नीलामी से होगा, जिसके पास ज्यादा पैसा होगा लाइसेंस उससे ही मिलेगा। नई निति में सरकार ने शराब की जो उमर थी वो 25 से कम करके 21 कर दी ताकी जायदा लोग पी पाए, और यहां तक दिल्ली सरकार ने दुकान समय बड़ा कर रात के 3 am कर दी गई और होम डिलीवरी की सुभिधा भी एड कर दी गई इस नई शराब निति में।


क्यों 8 महीने बाद ही हटाने पढ़ गई थी नई शराब निति 

15 th April 2021 को पॉलिसी को लेफ्टिनेंट गवर्नर से दिल्ली सरकार नई पॉलिसी को अप्रूव करवा लेते हैं, इस पॉलिसी में लेफ्टिनेंट गवर्नर ने कहा था की दुकान मंदिर, स्कूल के पास ना खोला जाए। लेफ्टिनेंट गवर्नर कहते हैं, अगर दुकान खुलेगी तो पहले DDA और M.C.D से अनुमति लेनी पड़ेगी।

लेकिन पॉलिसी लागू होते ही 8 महीने बाद इस नई पॉलिसी को हटाना पड़ जाता है, आपको बता दे की लेफ्टिनेंट गवर्नर ने पहले ही कहा था की दुकान जो है वो स्कूल और मंदिर जैसी जगह पे नहीं खुलेंगे। लेकिन इसके बावजूद भी दुकान स्कूल और मंदिर जैसी जगह पर खुली, जिसके लिए दुकानदारों ने शराब बेचने का लाइसेंस तो ले रखा था, लेकिन DDA और M.C.D से परमिशन नही ली थी। यहां तक कोर्ट के भी ऑर्डर आ गए थे की शराब की दुकान निवास स्थान पर ना खोली जाए, ऐसी कई चीजे पॉलिसी में केजरीवाल सरकार ने फॉलो नही करी।

दिल्ली की ओसत सेल जो थी वह हर महीने की 13.2 मिलियन लीटर थी, और नई पॉलिसी के आने के बाद ओसत सेल 24.50 मिलियन हो गई थी। शराब ज्यादा बिकी थी तो मुनाफा भी जायदा होना चाहिए था, लेकिन ऐसा हुआ नही जिसके बाद केजरीवाल सरकार पे सवाल उठने लगे की यह कैसी पॉलिसी ले के आए जिसमे सरकार को घाटा हो गया।

केजरीवाल सरकार ने जो पॉलिसी तयार की थी उसका अप्रूवल तो ले लिया था लेकिन पॉलिसी लागू होने के बाद कुछ पॉलिसी में परिवर्तन किए गए थे जिसका अप्रूवल दिल्ली सरकार ने नही लिए थे। इससे सरकार मुश्किल में आ जाती है। चीफ सेक्रेटरी 'Naresh Kumar' आरोप लगाते है कि मनीष सिसोदिया ने जो बिना अप्रूवल के फैसले लिए है, इससे दिल्ली की जो आए 580 crore जिसका मुनाफा होना था उल्टा नुकसान हो गया।
चीफ सेक्रेटरी ने यह भी कहा कि यह दिल्ली सरकार ने यह जान बुझ के किया गया है, ताकि मैन्युफैक्चरर को फायदा हो। 

लेफ्टिनेंट गवर्नर के पास यह जो रिपोर्ट थी पहुंचती हैं, और इंक्वायरी बैठा देते हैं। लेकीन मनीष सिसोदिया यह सब देख के नई पॉलिसी जो थी इसको हटा के पुरानी नीति दोबारा लागू करवा देते हैं। वही बीजेपी और कांग्रेस धरना प्रदर्शन कर देते है मनीष सिसोदिया और दिल्ली सरकार के विरुद्ध। इसमें कांग्रेस पुलिस कमिश्नर को लेटर लिखकर बोलते है की केजरीवाल सरकार ने  500 crore ka घोटाला किया है।
 
फिर क्या था CBI और ED अपनी जांच शुरू कर देते हैं, और अपनी जांच की रिपोर्ट कोर्ट पे पेश करते हैं। जिसमें मनीष सिसोदिया, संजय सिंह और अरविंद केजरीवाल को अरेस्ट कर लेते हैं। एजेंसी अभी और भी तथ्यों पर जांच कर रही हैं।







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